जिसमें खासकर भ्रष्ट लोगों में पीडब्ल्यूडी, आगरा नगर निगम, ADA, जल निगम, जैसे विभाग शामिल है. और इन लोगों को बयान दर्ज कराने के लिए इन्हें नोटिस जारी किए जा रहे हैं। इनके अलावा 20 मामलों की जांच पूरी होने के बाद शासन को रिपोर्ट भेजी जा चुकी है।
आगरा विजिलेंस में आगरा के अलावा, मथुरा, फिरोजाबाद, मैनपुरी, एटा, अलीगढ़, हाथरस और कासगंज के मामलों की जांच होती है। शासन ने शिकायत मिलने पर पिछले तीन सालों में 48 मामलों की जांच विजिलेंस को दी थी। किसी अधिकारी पर आय से अधिक संपत्ति तो किसी पर टेंडर, सड़क निर्माण में धांधली के आरोप लगे हैं ।
इनमें से आधे से ज्यादा मामलों की बंद जांच (गोपनीय) पूरी हो चुकी है। अब खुली जांच (जिसमें आरोपी का पक्ष भी लिया जाता है) की जा रही है। जांच के घेरे में पीडब्ल्यूडी, नगर निगम, एडीए के इंजीनियर, शिक्षा विभाग के बाबू और स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी भी हैं।
इन विभागों के हैं मामले..
- पीडब्ल्यूडी : टेंडर, सड़क निर्माण
- विश्वविद्यालय : मार्कशीट फर्जीवाड़ा
- नगर निगम : ठेके, निर्माण, खरीद फरोख्त
- स्वास्थ्य विभाग : खरीद फरोख्त
- एडीए : टेंडर, आवास आवंटन और निर्माण
- जल निगम : खरीद-फरोख्त
विजिलेंज थाना में ही दर्ज होगा केस
शासन ने सतर्कता अधिष्ठान आगरा सेक्टर को इस साल जनवरी में थाना घोषित किया था। इसके बाद से जून में थाना खोला गया। थाना बनने से पूर्व विजिलेंस को मुकदमा दर्ज कराने के लिए जिस जिले की जांच होती थी, वहां के संबंधित थाने में जाना पड़ता था। अब आगरा सेक्टर में थाना स्थापित कर दिया है। अब सीधे यहां मुकदमा दर्ज किया जाएगा।
जल्द रिपोर्ट भेजेंगे
एसपी विजिलेंस रवि शंकर निम ने बताया कि 48 मामलों में भ्रष्टाचार की शिकायत की गई थी। इनमें अधिकारी और कर्मचारी मिलाकर लगभग 100 की संख्या है। शासन के आदेश पर जांच की जा रही है। जल्द ही रिपोर्ट भेज दी जाएगी।
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