एक तरफ जहां कोरोना की महामारी से लोग आर्थिक तंगी से जूझ रहे. वही ऑनलाइन क्लासेज के नाम पर प्राइवेट संस्थानों/ स्कूल पूरी फीस की मांग कर रहे हैं. किसी प्रकार की कोई कटौती नहीं कर रहे बस ट्रांसपोर्टेशन चार्ट माफ किया जा रहा है.
आगरा पुलिस प्रशासन मुखिया ADG अजय आनंद के यह शब्द कोरोना वायरस के लिए कंसर्न है या आगरा की प्राइवेट संस्थानों की लॉबी का कोई दबाव है ?? जनता काफी समझदार है आप सब जानते हो क्या होने जा रहा है और क्या होगा ??
वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के इस दौर में बहुत कुछ बदल चुका है। सामाजिकता निभाकर चलने वाले लोग अब समाज से दूर रहने लगे हैं। तो बच्चों के हाथ में गैजेट्स आदि से देने से बचने वाले लोग स्वयंं बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई करवाना चाह रहे हैं। संक्रमण के इस दौर की गंभीरता को एडीजी अजय आनंद ने भी समझा और स्कूल प्रबंधक को सलाह दी कि ज्यादा से ज्यादा ऑनलाइन क्लासेज ही लगावाएं।
दरअसल पुलिस लाइन स्थित पुलिस मॉडर्न स्कूल में सोमवार को एडीजी अजय आनंद ने जीर्णोद्धार के कार्य का शुभारंभ किया। एडीजी ने लैब और स्मार्ट क्लासेज का निरीक्षण करने के दौरान वहां मौजूद छात्र-छात्राओं से बातचीत की।उन्होने कोरोना काल स्कूल प्रबंधन को ऑनलाइन क्ललासेज से छात्राओं की पढ़ाई कराने पर जोर दिया। एडीजी ने स्कूल परिसर में पाैधारोपण भी किया।
एडीजी अजय आनंद, एसएसपी बबलू कुमार,एसपी सिटी बोत्रे रोहन प्रमोद,एसपी ग्रामीण रवि कुमार समेत अन्य अधिकारी सोमवार को पुलिस मॉर्डन स्कूल पहुंचे। स्कूल की प्रधानाचार्या अर्चना श्रीवास्तव ने सभी का स्वागत किया। एडीजी और एसएसपी ने पहले स्कूल में होने वाले जीर्णोंद्धार कार्य का फीता काटकर शुभारंभ किया। इसके बाद स्कूल में बनी लैब, स्मार्ट क्लास रूम और सीसीसीटीवी कैमरों का जायजा लिया। एडीजी अजय आनंद ने इस दाैरान स्कूल में मौजूद छात्रों और स्टाफ से बातचीत की।छात्रों से उनकी ऑनलाइन क्लासेज को लेकर जानकारी ली।
इसके बाद एडीजी ने अधीनस्थ अधिकारियों और स्कूल के स्टाफ के साथ बैठक की। इसमें कोरोना वायरस से बचाव को सतर्कता बरतने के निर्देश दिए। छात्रों के लिए मॉस्क और सेनेटाइजर की व्यवस्था करने के निर्देश दिए।
ऑनलाइन क्लास के फायदे
समय की बचत
इन क्लासेज के कारण बच्चों का ट्रेवलिंग का समय बच रहा है। कई बच्चे पढ़ने के लिए अपने घरों से बहुत दूर स्कूल जाते हैं, जिससे वो धक जाते है। ट्रेवल में गवाएं समय की वजह से वो कोई एक्स्ट्रा कर्रिकुलम या एक्स्ट्रा एक्टिविटी न हीं कर पाते हैं। लेकिन ऑनलाइन क्लासेस से अब उनके पास इतना समय होता है कि वो अपनी रूची की चीजों में ध्यान लगा सके, जैसे- म्यूजिक, डांस, पेंटिग इत्यादी।
बच्चे वीडियो चैट से क्लास कर रहे हैं, जिससे वो तकनीकि तौर पर निपुर्ण हो रहे हैं। यही वजह है कि आज की तारिख में तकरीबन सभी बच्चों को गैजेट की अच्छी खासी जानकारी है। उनमें ऑलाइन से जुड़ी नई-नई चीजें जानने की ललक बढ़ रही है। ऑनलाइन क्लासेस से बच्चों ने तकनीक के इस्तेमाल का नया तरीका सीखा है। वहीं, ऑनलाइन क्लासेस से टीचरों ने भी पढ़ाने का नया तरीका सीखा है और बच्चों को पढ़ाने और पढ़ाई के प्रति रूचि बढ़ाने के नए रास्ते ढूंढें हैं।
पैसों की बचत
ऑलाइन क्लास से पेरेंट्स के जेब का बोझ थोड़ा कम हुआ है। ट्रेवलिंग में खर्च होने वाले पैसों की बचत हो रही है। इस तरह से पेरेंट्स अब अपने बच्चों के लिए ऑलाइन कोसेर्स के बारे में भी सोच रहे हैं। अब वो अपने बच्चों को मंहगे कोचिंग सेंटर नहीं भेजना चाहते। कई राज्य सरकारें भी इस पर विचार कर रही हैं।
दायरे में बढ़ोत्तरी
अब बच्चों और पेरेंट्स को समझ आ रहा है कि सिर्फ पढ़ाई के लिए नहीं बल्कि दूसरे एक्टिविटीस के लिए भी इंटरनेट का सहारा लिया जा सकता है, जैसे- म्यूजिक, डांस, पेंटिग इत्यादी।
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