गांव पोखर पांडेय ने अपने लाल बबलू को नम आंखों से अंतिम विदाई दी। शहीद की अंतिम यात्रा में आस पास के गांवों के सैकड़ों लोग शामिल हुए। सबकी आंखें नम थीं। गार्ड ऑफ ऑनर के बीच राज्यमंत्री चौधरी उदयभान सिंह ने पुष्प अर्पित कर शहीद को नमन किया।
शहीद के भाई दिनेश सिंह ने कहा कि भाई ने वीरगति पाई है, उस पर गर्व है। सबसे छोटे भाई उमेश ने चिता को मुखाग्नि दी। रात 10:45 बजे जैसे ही पार्थिव शरीर गांव पहुंचा, युवाओं ने नारे लगाने शुरू कर दिए, देश का सैनिक कैसा हो... बबलू भइया जैसा हो।
भाई दिनेश ने बताया कि बबलू ने कहा था कि अब सब ठीक चल रहा है। पहले कोरोना के कारण छुट्टियां बंद थीं। अब कोई परेशानी नहीं है। जल्द ही छुट्टी लेकर घर आएगा। इसके बाद परिवार के लोग सो हुए। सुबह आंख खुली भी न थी कि कानपुर से पुलिस अफसर का फोन आ गया। उसने बताया कि वहां मुठभेड़ हो गई है, आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए हैं, उनमें बबलू भी था। यह सुनते ही पूरे घर में मातम पसर गया। पार्थिव शरीर घर पहुंचने के बाद गांव में पसरा मातम चीत्कार में बदल गया।
कानपुर में शहीद हुए बबलू का शुक्रवार की रात आठ बजे भाई दिनेश के पास फोन आया था, कहा था कि जल्द ही घर आऊंगा, अब छुट्टियां मिल रही हैं। इसके नौ घंटे बाद ही शुक्रवार सुबह पांच बजे पुलिस अधिकारी ने फोन कर बताया कि वह शहीद हो गया है और देर रात उनका पार्थिव शरीर घर पहुंचा।
अंतिम विदाई के दौरान एडीजी जोन अजय आनंद, डीएम प्रभु एन सिंह, एसएसपी बबलू कुमार मौजूद रहे। एडीजी ने शहीद के परिजनों को ढांढस बंधाया। राज्यमंत्री ने भी शहीद के परिजनों से बात की और कहा कि बबलू की वीरता को हमेशा याद किया जाएगा। भाजपा जिलाध्यक्ष गिर्राज कुशवाहा, सपा जिलाध्यक्ष राम गोपाल बघेल, कांग्रेस जिलाध्यक्ष मनोज दीक्षित, पूर्व विधायक छोटे लाल वर्मा ने भी श्रद्धांजलि दी।
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