भाई-बहन के प्यार का त्योहार रक्षाबंधन 3 अगस्त को है। इस त्योहार में मिठास घोलने वाला घेवर की खुशबू अब आने लगी है। घेवर भी कोरोना की मार से बच नहीं पाया है। इस बार बाजार में घेवर की डिमांड कम है तो वैरायटी भी उतनी नहीं है। इस बार दो-तीन तरह के घेवर ही बनाए जा रहे हैं।
मिष्ठान विक्रेता कम ही माल तैयार करवा रहे हैं। पिछले सालों की तरह घेवर की कई वैरायटी भी इस बार देखने को नहीं मिलेंंगी। पहले सूखा घेवर, मलाई घेवर, क्रीम घेवर, चॉकलेट घेवर, सुगर फ्री घेवर बनते थे, लेकिन इस बार मिष्ठान विक्रेता सूखा घेवर, मलाई और सुगर फ्री घेवर बनवा रहे हैं। छोटी दुकानों पर केवल सूखा और मलाई वाला घेवर ही तैयार हो रहा है।
पिछले साल से 50 फीसद कम
पिछले दिनों बाजार रात नौ बजे तक खुलने के आदेश के बाद से मिष्ठान विक्रेताओं को थोड़ी राहत मिली है। उसका असर है कि अब छोटी दुकानों पर भी घेवर बनने लगा है। इस बार पिछले साल की तुलना में 50 फीसद घेवर ही तैयार किया जा रहा है। भगत हलवाई के शिशिर भगत ने बताया कि घेवर बनाने का काम शुरू हो चुका है।
मगर, जिस तरह से बाजार की स्थिति है, उसे देखते हुए पिछले साल की तुलना से कम ही माल तैयार करवाएंगे। आगरा स्वीट मैन्यूफैक्चर्स एसोसिएशन के सचिव व दाऊजी मिष्ठान भंडार के जय अग्रवाल ने बताया कि इस बार रक्षाबंधन सोमवार का है। शनिवार व रविवार को बाजार बंदी रहती है। आमतौर पर त्योहार से एक-दो दिन पहले ही बिक्री होती है।
बंदी के कारण बिक्री कम होने की आशंका है यही, वजह है कि कम माल तैयार करवा रहे हैं। इस बार सूखा घेवर, मलाई घेवर, क्रीम घेवर, चॉकलेट घेवर, सुगर फ्री घेवर बनते थे, लेकिन इस बार मिष्ठान विक्रेता सूखा घेवर, मलाई और सुगर फ्री घेवर बनवा रहे हैं। #News #AgraMirror #AgraCity #Ghevar #RakhiFestival #SpacialSweet