डिजिटल थर्मामीटर, बीपी मापक, डायबिटिक मीटर और पल्स ऑक्सीमेट्री को डेढ़ गुने से अधिक कीमत में बेचा जा रहा है। वसूली खुलेआम चल रही है लेकिन ड्रग विभाग इनकी जांच नहीं कर रहा है।
मधुमेह-उच्च रक्तचाप समेत अन्य बीमारी से ग्रसित लोगों को कोरोना वायरस का ज्यादा खतरा है। ऐसे में डॉक्टर सामान्य जांच के लिए लोगों को अस्पताल न जाने की सीख दे रहे हैं। इसके चलते मरीज डायबिटिक मीटर और बीपी मापक मशीन खरीदकर घर पर ही जांच कर रहे हैं।
बुखार मांपने के लिए लोग डिजिटल और सामान्य थर्मामीटर भी घर पर रख रहे हैं। इसके चलते बीते चार महीने में इनकी बिक्री लगभग दस गुनी बढ़ गई है। मुनाफा कमाने के लिए कई दुकानदार इनके डेढ़ गुने से अधिक दाम वसूल रहे हैं।
ग्लव्स दस गुना महंगा, मास्क-सैनिटाइजर की कम हुई कीमत..
ग्लव्स प्रति पीस एक से दो रुपये में आता था, अब इसके 10 रुपये तक वसूले जा रहे हैं। वहीं सरकार की सख्ती के बाद मास्क और सैनिटाइजर की कीमत में कमी आई है।
पांच लीटर की कैन करीब पांच सौ रुपये की है, जो 40-50 दिन पहले 1200 रुपये से अधिक थी। एन-95 मास्क के दाम भी 30 से 40 रुपये हो गए हैं, जो पहले 150 रुपये तक बिक रहा था। थर्मल स्क्रीनिंग मीटर पहले 20 से 24 हजार रुपये में बिका, अब दस हजार रुपये में मिल रहा है।
सर्जिकल आइटम के थोक विक्रेता चंदर पाहुजा ने बताया कि चिकित्सकीय उपकरण चीन से आते थे, जो अब बंद हो गए हैं, इसके चलते बाजारों में कीमते डेढ़ गुना तक हुई हैं। मास्क-सैनिटाइजर भी कई कंपनियां बना रही हैं, इससे इनकी कीमत कम हुई है।
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