लद्दाख में बीते 15 जून को Galwan घाटी में 20 भारतीय जवानों के शहीद होने के बाद देश भर में चीन के बहिष्कार (Boycott China) के नारे चल पड़े हैं। इसी बीच ताजनगरी आगरा में जूता निर्यातकों द्वारा चीन को झटका देने की तैयारी कर ली गई है। आगरा फुटवियर मैन्यूफैक्चर्स एंड एक्सपोर्ट चैंबर एफमैक ने मीट एट आगरा 2020 में चीन की कंपनियों के प्रवेश पर रोक लगा दी है। यह जूता निर्यातकों की संस्था है जिसने चीन को लगभग 400 करोड़ रुपये का का झटका देने की तैयारी कर ली है। वहीं मेट्रो ट्रेन का ठेका भी चीनी कंपनी से छीन लिया गया है। AFMEC का इस वर्ष Meet at Agra का 14 वें संस्करण का तीन दिवसीय कार्यक्रम अक्तूबर के अंत में होगा। इसमें मशीन और कंपोनेंट्स की देश दुनिया से लगभग 225 कंपनियां शामिल होती हैं। जिसमें ताईवान, इटली, जर्मनी के अलावा चीन से करीब 20 कंपनियां भाग लेती हैं। एफमैक के अध्यक्ष पूरन डावर ने बताया कि मौजूदा हालातों में संस्था ने चीन को न बुलाने के फैसला लिया है। इससे चीन का औसतन 400 करोड़ रुपये का कारोबार प्रभावित होगा। उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने चीन को झटका दिया है। कानपुर और आगरा मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए चीन की कंपनी को अयोग्य माना गया है और मेट्रो ट्रेन बनाने का ठेका बॉम्बार्डियर इंडिया कंपनी को दिया गया है। इस कंपनी के गुजरात स्थित प्लांट से आगरा और कानपुर मेट्रो ट्रेनों की सप्लाई की जाएगी, जो ‘मेक इन इंडिया’ मुहिम को मजबूती देगी। इसके लिये चीन की कंपनी सीआरआरसी नैनजिंग पुजहेन लिमिटेड ने भी निविदा भरी थी लेकिन तकनीकी खामियां पाये जाने के कारण चीनी कंपनी को अयोग्य घोषित कर दिया गया। बॉम्बार्डियर ट्रांसपोर्ट इंडिया प्राइवेट लि. एक भारतीय कॉन्सोर्सियम (कंपनियों का समूह) है। #News #AgraMirror #AgraCity #AFMEC #AgraFootwearIndustries #MeetatAgra2020
आगरा : ड्रैगन को एक और झटका आगरा मेट्रो प्रोजेक्ट का काम अब भारतीय कंपनी करेगी, चीनी कंपनी को अयोग्य करार दिया गया.