अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के सुसाइड मामले की जांच दो राज्यों की पुलिस कर रही है. ये मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है, लेकिन अब इस केस को लेकर सियासी बयानबाजी भी तेज हो गई है.
भारतीय जनता पार्टी की ओर से महाराष्ट्र सरकार और पुलिस पर सवाल उठाए गए हैं, तो दूसरी ओर महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने जांच को सही करार दिया है. कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के नेता किस तरह सुशांत मामले की जांच पर आमने-सामने हैं, एक नज़र डालिए...
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने ट्वीट कर कहा है कि सुशांत सिंह राजपूत के मामले को सीबीआई को सौंपने की मांग की जा रही है, लेकिन राज्य सरकार इस मामले में लापरवाही बरत रही है. कम से कम प्रवर्तन निदेशालय को तो पैसों की लेन-देन की जांच करनी चाहिए और तुरंत मामला दर्ज करना चाहिए.
हमलावर है भारतीय जनता पार्टी
दरअसल, बिहार पुलिस ने जब मामले को संभाला तो सुशांत के परिजनों से पूछताछ में ये बात सामने आई कि सुशांत के खाते से कुछ ही वक्त में करीब 15 करोड़ रुपये गायब हुए थे.
इसी के बाद भारतीय जनता पार्टी के सांसद और अभिनेता मनोज तिवारी ने भी महाराष्ट्र पुलिस के कामकाज पर सवाल खड़े कर दिए थे. मनोज तिवारी ने कहा था कि महाराष्ट्र पुलिस लंबे वक्त से मामले की जांच कर रही है, लेकिन उन्हें पता ही नहीं चला कि 15 करोड़ रुपया खाते से निकल गया, फिर कैसी जांच हो रही है.
इनके अलावा केंद्रीय मंत्री और भाजपा सांसद आरके सिंह ने भी कहा था कि हमें उम्मीद है कि सच सामने आएगा, हर कोई चाहता है कि सच पता लगे. जबकि भाजपा के नेता आशीष शेल्लार ने भी सीबीआई जांच की मांग की और मुंबई पुलिस पर मामले को टालने का आरोप लगाया.
महाराष्ट्र सरकार बोली- CBI जांच की जरूरत नहीं
सुशांत सिंह राजपूत ने मुंबई के अपने फ्लैट में सुसाइड किया था, जिसके बाद से ही मुंबई पुलिस मामले की जांच कर रही है. अबतक करीब चालीस लोगों का बयान दर्ज हुआ है, जिसमें कई बड़ी हस्तियां भी शामिल हैं. इस सबके बावजूद मामले की जांच को सीबीआई को सौंपने की बात हो रही है, लेकिन राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने इससे इनकार किया है. अनिल देशमुख का कहना है कि मुंबई पुलिस अच्छा काम कर रही है और केस को निपटाने में सक्षम है, ऐसे में सीबीआई को मामला रेफर करने की जरूरत नहीं है.
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